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Real Life Story Of Shin Chan Death In Hindi…

Real Life Story Of Shin Chan Death In Hindi…

टीवी पर आने वाले मज़ेदार कैरेक्टर शिन चैन को तो आप जानते ही होंगे। आज टीवी पर यह कार्टून अपनी लोकप्रियता और शिन चैन के मस्ती भरे अंदाज के कारण हर उम्र के लोगों के द्वारा मज़े से देखा जाता है।

Real Life Story Of Shin Chan Death In Hindi...

शिन चैन कार्टून की शुरुआत अख़बारों में स्टोरी और कॉमिक्स के रूप में ही थी। इस एनिमेटेड सीरीज को देखकर शायद ही कोई अपनी हँसी रोक पाए। पर आपको शायद यह जान कर हैरानी हो की यह कार्टून सीरीज एक रियल घटना पर आधारित है।

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आज हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं यह सुनने के बाद आप शायद इस कार्टून को उसी भाव से नहीं देख पाएंगे। ( Real Life Story Of Shin Chan Death In Hindi… ) क्योंकि इनकी कहानी टीवी पर जितनी मज़ेदार है रियल में यह उतनी ही दर्दनाक है।

Shinchan की Life से जुड़ी रुला देने वाली सच्ची कहानी

यह बात आज से लगभग 50 साल पुरानी 1970 के दशक की है। जापान के एक छोटे से शहर में एक परिवार रहता था। इस परिवार में पति पत्नी और दो बच्चे थे। परिवार के मुखिया का नाम हिरोशी और उसकी पत्नी का नाम मिसाई था। हिरोशी और मिसाई के बेटे का नाम शिन चैन और बेटी का नाम हिमावारी था। उनके साथ उनका एक प्यारा puppy भी था जिसका नाम था शीरो।

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शिन चैन बहुत ही शरारती बच्चा था वह अपने स्कूल में टीचर्स को बहुत परेशान करता था। वह अपना होमवर्क भी कभी टाइम पर पूरा नहीं करता। बस दिनभर शैतानियाँ करता ,लेकिन वह जितनी मस्ती करता उसमे समझदारी उससे भी ज्यादा थी। ( Real Story of Shin Chan Death in Hindi )

शिनचैन अपनी बहन हिमावारी और अपने puppy शीरो के साथ दिनभर खेलता रहता। इनके माता पिता को कहीं थोड़ी देर के लिए जाना होता तो वे इन्हे घर पर ही छोड़ कर चले जाते।

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Truth Behind The Crayon Shinchan Real Story in Hindi

एक बार हिरोशी को किसी जरुरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। घर में केवल मिसाई और दोनों बच्चे ही थे। शाम को मिसाई को याद आया की घर की कुछ जरुरी चीजे ख़तम हो गई हैं और उसे बाजार जाना पड़ेगा। पर बाहर बारिश हो रही थी। मिसाई को लगा बारिश की वजह से उसके बाहर होने पर कुछ परेशानी न हो इसलिए उसने बच्चों को भी साथ ले जाना उचित समझा।

मिसाई शिनचैन और हिमवारी को लेकर शॉपिंग मॉल पहुंची। उनके मॉल पहुंचते ही बारिश बंद हो गई। मिसाई अपने खरीददारी में व्यस्त थी वंही दोनों बच्चे भी पास ही खेल रहे थे।

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बच्चों के सुपरस्टार शिनचैन की रियल लाइफ स्टोरी

इस वक्त हिमवारी खेलते खेलते शॉप से बहार निकल आई और रोड तक पहुंच गई जंहा गाड़ियों की आवाजाही शुरू थी। शॉप के अंदर से शिनचैन की नजर अपनी बहन हिमवारी पर पड़ती है वह दौड़ता हुआ बाहर आता है तब तक हिमावारी रोड के बीचोंबीच तक पहुंच जाती है है वह हिमवारी को आवाज देता है लेकिन गाड़ियों की आवाज के कारण हिमवारी को शिनचैन की आवाज नहीं सुनाई देती।

तभी अचानक शिनचैन की नजर एक गाड़ी पर पड़ती है जो तेजी से हिमवारी की तरफ आ रही थी। वह तेजी से अपनी बहन की तरफ दौड़ता है लेकिन अफ़सोस वह उसे बचा नहीं सका और शिनचैन और उसकी बहन हिमावारी दोनों की मौत उस कार की टक्कर से हो जाती है।

क्रेयौन शिनचैन 

क्रेयौन शिनचैन 

इस घटना के बाद शिनचैन की माँ मिसाई को बहुत दुःख होता है और वह डिप्रेसन में चली जाती है। इस दौरान मिसाई अपने बच्चों की तस्वीर बनाती रहती है और उनसे जुडी यादों को एक डायरी में लिखती जाती है।

इस तरह कई साल बीतने के बाद एक दिन इस घटना के बारे में जापन के एक फेमस कार्टूनिस्ट योषितो उसुई की पता चलता है।

योषितो को इस घटना से बहुत ज्यादा लगाव महसूस हुआ ,उन्होंने फैसला लिया की वे इस कहानी को पूरी दुनिया के सामने लाएँगे।

उन्होंने इस कहानी से प्रेरित होकर शिनचैन कार्टून बनाया। इस कार्टून की लोकप्रियता पुरे दुनिया में हुई , बच्चों के बीच तो इसकी दीवानगी देखते ही बनती है। लेकिन इस कहानी का आखिरी भाग इन्होने कभी पब्लिश ही नहीं किया ,उनका मानना है की कहानी के आखिरी भाग को देखकर बच्चों पर असर पड़ेगा और उन्हें इसे देखकर दुःख पहुंचेगा। इसी वजह से इस कार्टून के आखिरी भाग को कहीं भी नहीं दिखाया गया।

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ये कहानी पढ़कर आपको भी दुःख तो जरूर हुआ होगा की जिस कार्टून को देखकर आप हँसते और खिलखिलाते थे उसकी सच्चाई कितनी दर्दनाक है।

कैसी लगी आपको शिनचैन की रियल स्टोरी COMMENTS BOX में जरूर बताइयेगा। हम दोबारा ऐसे ही किसी नए आर्टिकल के साथ फिर मिलेंगे तब तक के लिए आपका धन्यवाद

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