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The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

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The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

द कश्मीर फाइल्स ,1990 के समय कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से निकाले जाने की एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है , जो उस दौरान कश्मीरी पंडितों के साथ हुए दुर्व्यवहार का सटीक चित्रण प्रस्तुत करती है। इस फिल्म को देखकर आप उस दर्द को महसूस कर पाएँगे जो 90 के दशक में घाटी में उन लोगों से सहा ,और जो आज भी उस दर्द को अपने सीने में लेकर जीने मज़बूर हैं।

इस आर्टिकल में हमने पूरी फिल्म की स्टोरी को लिख दिया है ,तो जिन्होंने फिल्म अभी तक नहीं देखी वो इस आर्टिकल में लिखी पूरी कहानी पढ़ सकता है , हमें विश्वास है इसे पढ़ कर आप भी कश्मीर के उस दर्द को अपने भीतर तक महसूस कर सकेगें। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

यह लेख फिल्म की ही पूरी कहानी है इसलिए थोड़ा लम्बा हो सकता है ,इसलिए इसे पढ़ने में आपको थोड़ा टाइम लग सकता है।

इस फिल्म को बनाया है विवेक अग्निहोत्री ने। और फिल्मे से जुडी बाकी जानकरी आप यहाँ देख सकते है।

The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi
फिल्म का नाम द कश्मीर फाइल्स
डायरेक्टरविवेक अग्निहोत्री
लेखक विवेक अग्निहोत्री ,सौरभ एम पांडेय
प्रोडूसड़ बाई तेज नारायण अग्रवाल , अभिषेक अग्रवाल , पल्लवी जोशी , विवेक अग्निहोत्री
अभिनय मिथुन चक्रवर्ती ,अनुपम खेर ,दर्शन कुमार , पल्लवी जोशी , चिन्मय मंडलेकर, प्रकाश बेलावादी ,पुनीत इस्सारी
सिनेमेटोग्राफी उदयसिंह मोहिते
एडिटेड बाई शंख राजाध्यक्ष
म्यूजिक स्कोर: रोहित शर्मा , गीत: स्वप्निल बंदोदकर
प्रोडक्शन कंपनी ज़ी स्टूडियोज , अभिषेक अग्रवाल आर्ट
रिलीज़ डेट 11 March 2022
फिल्म रनिंग टाइम 170 minutes
भाषा हिंदी
बजट15 करोड़

Table of Contents

सत्य घटना पर आधारित फिल्म

हम एक्सप्लेन करने जा रहे हैं 2022 में आई एक बहुत ही अच्छी मूवी कश्मीर फाइल्स को , तो चलिए कहानी पर आते हैं। यह मूवी कोई कहानी नहीं है यह पूरी तरह से सत्य घटना ,है जो कि कश्मीर में घट चुकी है। कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी

मूवी के स्टार्टिंग में हम देखते हैं 19 जनवरी 1990 के कश्मीर को ,जहां पर कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे होते हैं। जिसमें से एक का नाम होता है शिव ,यंहा पर रेडियो में सचिन की बात चल रही थी जो कि अपने क्रिकेट के मैच में काफी अच्छा परफॉर्म कर रहा था यहाँ पर शिव ने भी अच्छा परफॉर्म किया था तो वह सचिन का नाम खुशी से चिल्ला कर के बोलने लगता है। पर एक हिन्दू क्रिकेटर का नाम सुनकर वहां पर बहुत सारे लोग उसे मारना शुरू कर देते हैं। अब यहाँ पर उसका दोस्त अब्दुल आता है और उसे जैसे तैसे बचा कर के निकल जाता है।The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

1990 कश्मीर का वह वक्त होता है जहां पर कश्मीरी पंडितों को उनके जगह पर रहने का हक उनसे छीना जा रहा था, उन्हें मारा जा रहा था और उनकी वाइफ और बेटियों को वहीं पर छोड़ कर के जाने के लिए बोल रहे थे। इस पूरे आतंक को मचाने वाले लीडर का नाम होता है फारूख अहमद जिसका पेट नेम होता है बिट्टा कराटे

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ऐसे ही हम अगले सीन में देखते हैं कि एक बेटी और उसकी मां को एक टेरेरिस्ट, सॉरी फ्रीडम फाइटर ऐसा बोल रहा था कि वह जाकर के अपने पति से बोल दे कि उसका पति तो वहां से भाग सकता है और उसे उसके पीछे अपनी पत्नी और बेटी को छोड़ना पड़ेगा ताकि वह उसके साथ गलत कर सके। जाहिर है कोई भी पत्नी ऐसा नहीं चाहेगी तो लोग उसे वहीं पर मार देते हैं और पूरे कश्मीर में इस वक्त यही चल रहा होता है।

यहाँ तक कि उन्होंने अपने बच्चों के दिमाग में भी यही सारी बकवास भर कर रखी होती है और वो सब भी हमेशा एक ही बात बोलते रहते हैं की या तो अपने धर्म को कन्वर्ट करके मुस्लिम बन जाओ या यहां से भाग जाओ नहीं तो वह तुम्हें मार देंगे। यहां पर बिट्टा कराटे बहुत सारे हिंदू लोग को जबरदस्ती पकड़ पकड़ कर उन्हें मुस्लिम भी बना रहा होता है और उन्हें जबरदस्ती बीफ खिला रहा होता है ताहि वो वहां की हिंदू मेजॉरिटी को माइनॉरिटी में कन्वर्ट कर सके और ऐसा हो भी रहा था। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

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ऐसे ही हम एक सीन में एक आदमी को देखते हैं जिसका नाम होता है पुष्कर। पुष्कर के परिवार में उसका एक बेटा होता है एक बहू और उनके दो बच्चे होते हैं उनके दोनों बच्चों में से एक का नाम होता है शिव ,जो कि मूवी के स्टार्टिंग में क्रिकेट खेल रहा था और दूसरा बच्चा और भी ज्यादा छोटा होता है और उसका नाम कृष्णापुष्कर हर शिवरात्रि में शिवजी का रोल अदा करते थे और यहाँ पर वो उसी की प्रैक्टिस कर रहे होते हैं। और उन्हें अपने कश्मीर से बहुत प्यार होता है।

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ऐसे में पुष्कर को पता चलता है कि उसका पोता अभी तक घर वापस नहीं आया तो वो शिव को लेने के लिए अपने स्कूटर पर जाते हैं और वहां से वह शिव औरअब्दुल दोनों को अपने स्कूटर पर बैठा कर के ले जा रहे होते हैं तभी वहां पर आर्मी की जीप आती है और कहती है कि वो लोग उसके पीछे पीछे चल सकते हैं जीप के कारन ऐसा हो सकता है कि उनके ऊपर अटैक न किया जाए। पर थोड़ा दूर आते ही वो जीप खुद ही ब्लास्ट हो जाती है।

पुष्कर का बेटा अनाज के ड्रम में छुपा हुआ है

दूसरी तरफ जहां पर बिट्टा कराटे पुष्कर के घर जाता है दूर से देखने पर पुष्कर का बेटा जल्दी से एक अनाज के ड्रम के अंदर छुप जाता है, ताकि वह उसे मार ना पाए पर उसे पुष्कर का पड़ोसी जिसके बेटे का नाम होता है अब्दुल जो की शिव का दोस्त होता है, वही यहाँ पर बिट्टा कराटे को बता देता है कि पुष्कर का बेटा अनाज के ड्रम में छुपा हुआ है और उसके बाद बिट्टा घर के अंदर जाता है और हर किसी को पकड़ लेता है ,और पुष्कर के बेटे को उसकी पत्नी शारदा के सामने गोलियों से मार देता है जो ड्रम के अंदर छुप कर बैठा होता है अब यहां पर पुष्कर भी आ जाता है यह सब देखकर वह बहुत ज्यादा दुखी हो जाता है। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

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यहां पुष्कर बोलता है कि बिट्टा तो उसको स्टूडेंट था पर बिट्टा को कुछ भी फर्क नहीं पड़ता है। इसके बाद बिट्टा यहां पर देखता है की पुष्कर के बेटे का खून बह कर के नीचे आ रहा होता है तो वो उसके खून में सने हुए चावल उठाकर के शारदा को देता है और कहता है कि अगर उसने ये चावल खा लिए तो वह उसके बेटों की जान को बख्श देगा पर अगर उसने ऐसा नहीं किया तो वो उन्हें भी जान से मार देगा ,और यह सीन यही शारदा के फेस पर ही कट हो जाता है।

नेक्स्ट सीन में हम प्रेजेंट टाइम में ब्रह्म दत्त को देखते हैं जो कि अभी भी कश्मीर में रह रहा होता है, और यहां पर उससे मिलने के लिए पुष्कर का पोता आने वाला था ,पुष्कर का पोता कृष्णा अब दिल्ली में रहता था और पुष्कर की डेथ हो गई थी। ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi ) तो वह उसकी अस्थियों को लेकर के कश्मीर आता है यहां पर उसके आने तक वहां पर कुछ लोग और भी आ जाते हैं जो कि पुष्कर के ही कभी दोस्त हुआ करते थे और इनका नाम होता है महेश जोकि एक डॉक्टर था ,का हरी जोकि अपने वक्त में डीजीपी था और पुलिस में था और एक जर्नलिस्ट जिसका नाम मुझे नहीं पता है यहां पर सभी लोग दुखी होते हैं। क्योंकि पुष्कर इनका अच्छा दोस्त था और अब उसकी मृत्यु हो गई है।

प्रोफेसर राधिका स्टूडेंट्स को भड़का रही होती है

पर यहां पर कृष्णा को कुछ भी पता नहीं होता है उसे हमेशा से ऐसा लगता था ,कि उसके माता पिता की मौत एक स्कूटर के एक्सीडेंट हुई है ,कश्मीर में क्या हुआ था सब कुछ में से सच क्या है , कृष्णा इस हर बात अंजान होता है। अब सीन सिफ्ट होता है कृष्णा के कॉलेज पर जो की जे एन यू होता है। जहां पर वो अपने प्रोफेसर राधिका से मिलता है ,राधिका यहां पर बहुत सारे स्टूडेंट्स को भड़का रही होती है ,कि उन्हें कश्मीर को आजादी दिलानी है और कश्मीर को इंडिया की गवर्नमेंट से खतरा है।

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यह प्रेजेंट टाइम का वक्त होता है जहां पर आर्टिकल 370 को हटाया जा चुका है,और इसी बात से बहुत सारे लोग इसके अगेंस्ट होते हैं। और प्रोफेसर राधिका भी इनमे से एक होती है। ऐसा लगता है कि कश्मीर को इंडिया का पार्ट नहीं होना चाहिए और यही बात वो कृष्णा को भी बोलती है। राधिका को ऐसा भी लगता है कि कोई भी जेनोसाइड नहीं हुआ था और किसी भी कश्मीरी पंडित को मारा भी नहीं गया था। और उसके बात सुनते सुनते कृष्णा को भी ऐसे ही लगने लगता है।

यहाँ कृष्णा अपने यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट के इलेक्शन में खड़ा हो रहा होता है तो राधिका उसे बोलती है कि उसे यहां के स्टूडेंट्स से कनेक्ट करना पड़ेगा और इसके लिए उसे ऐसा दिखाना पड़ेगा कि स्टेट की गवर्नमेंट कश्मीर के लिए खतरा है। और इसी तरह से बोलते बोलते वह कृष्णा को मैनिपुलेट करके अपनी साइड में कर रही होती है। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

और अब सीन शिफ्ट होता है पास्ट में 1989 में , इस मूवी में कई बार सीन प्रेजेंट और पास्ट में शिफ्ट है तो आपको सब कुछ ध्यान से पढ़ना पड़ेगा। यहां पास्ट में ब्रह्मदत्त एक आईएएस ऑफिसर होता है और उसके पास पुष्कर हेल्प के लिए आता है क्यों की ब्रह्मदत्त उसका दोस्त होता है पुष्कर वहां पर उसे बोलता है कि बहुत सारे लोगों प्रोटेक्शन की जरूरत है और उसके अपने बेटे का नाम लिस्ट में है, उसके बेटे को बिट्टा कराटे ने हिंदुस्तान का मुखबिर बता दिया और इसलिए वह उसे मार सकता है।

सब्जीवाला पाकिस्तानी करेंसी के नोट देता है

यह सुनने के बाद ब्रह्मदत्त बोलता है कि वह उसके लिए सिक्योरिटी का इंतजाम कर लेगा इसके बाद वो पुष्कर के घर की तरफ निकलते हैं रास्ते में पुष्कर सब्जी खरीदने के लिए रुकता है यहां पर वो 100 रूपए की इंडियन करेंसी सब्जीवाले को देता है तो सब्जीवाला उसको रिटर्न में पाकिस्तानी करेंसी के नोट देता है और ऐसा करने पर वह यह बोलता है कि तुम जिस कंट्री में रहोगे तुम्हे वहीँ की नोट मिलेगी। मतलब वो लोग ऐसा मान चुके थे की कश्मीर पाकिस्तान का है। और वहां पर पाकिस्तान की करेंसी ही चलनी चाहिए।

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यह देखने के बाद ब्रह्मदत्त उसे तुरंत पुलिस वालों से पकड़ा करके जेल में डलवा देता है और वह लोग वहां से आगे निकल जाते हैं। नेक्स्ट सीन में ऐसे ही ब्रह्मदत्त कहीं जा रहा होता है तो देखता हैं कि बहुत सारी मुस्लिम औरतें ,हिंदू औरतों के खाने का सामान फेंक रही होती है। और ब्रह्मदत्त भी यहां पर उस वक्त इस चीज पर कुछ भी नहीं कर पाता है। इस सबके लिए ब्रह्म दत्त ने पीएम से बात करने की भी कोशिश करी थी और यहां पर पीएम ने उसे ऐसा बोलै कि कश्मीर के सीएम के साथ उनकी बहुत अच्छी दोस्ती है इसीलिए अगर वह कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ भी करते हैं तो इससे उनकी फ्रेंडशिप खराब हो जाएगी। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

पुलिस ऑफिसर भी हिन्दुओं के खिलाफ होते हैं


और अब नेक्स्ट सीन में हम देखते हैं कि कुछ एयर फोर्स ऑफिसर खड़े होते हैं जो कि ब्रह्म दत्त के घर के पास में होते हैं, कि तभी वहां पर अचानक से कुछ ऐसे ही टेरेरिस्ट आ जाते हैं जो उन्हें शूट करके मार देते हैं। और वह खड़े हुए पुलिस ऑफिसर कुछ भी नहीं करते हैं क्योंकि वहां के बहुत सारे पुलिस वाले भी उन लोगो सपोर्ट में होते हैं जो यहाँ पर हिंदुओं को मार रहे थे।

इसके बाद नेक्स्ट सीन पर ब्रम्हदत्त सीएम से बात करने के लिए जाता है जहां पर सीएम उसे ही जिम्मेदार ठहराने लगते हैं और कहते हैं। कि वह आईएएस ऑफिसर है और यहां पर शांति व्यवस्था देखना उसका काम है , वह उन्हें समझाने की कोशिश करता है ,कि उनकी बात नहीं मानी जा रही है और वह कोई भी और आर्डर पास करता है तो खुद सीएम के लोग ही उस आर्डर को रोक देते हैं। और साथ में यहाँ आतंक मचाने वाले लोगों को उन्ही कि पार्टी फंड कर रही है ,यहां पर सीएम उसके बातों पर जरा भी ध्यान नहीं देता है।

सीएम खुद भी बिट्टा कराटे से मिला होता है

और अब हम सामने देखते हैं तो वहां पर बिट्टा कराटे खड़ा होता है, तो मतलब खुद सीएम भी बिट्टा कराटे के साथ ही मिला हुआ है। और अब यहाँ से ब्रम्हदत्त चाहते हुए भी कुछ नहीं कर सकता ,क्योंकि पूरी पॉलिटिक्स ही उनके साथ मिली हुई है। ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi )

अब सीन शिफ्ट होता है प्रेजेंट टाइम में , जहां पर सभी लोग साथ में बैठ होते है तभी वहां पर ब्रम्हदत्त की वाइफ, कृष्णा को उसके मम्मी पापा की फोटो दिखाती है क्योकि अभी तक कृष्णा ने अपने मां-बाप की फोटो भी नहीं देखी थी। क्योंकि जिस वक्त वह लोग वहां से भागे थे ,उस वक्त उनके पास इतना वक्त नहीं होता है ,की वो अपने साथ कुछ सामान को भी ले सके। अब यहां पर ब्रह्मदत्त जेनोसाइट के बारे में कुछ बोलता है तभी वहां पर कृष्णा बोलता है कि कोई भी जेनोसाइट नहीं हुआ था यह सब कुछ डर्टी पॉलिटिक्स थी और उस रात 5 लाख कश्मीरी पंडित नहीं बल्कि सिर्फ 2 लाख कश्मीरी पंडित ही निकले थे।

और उन्हें मारने वाले भी आर्मी के लोग थे और वो कश्मीर के लोग जो टेरेरिस्ट बन रहे हैं उसके लिए भी हम ही जिम्मेदार हैं क्योंकि अगर आप किसी के बच्चों को जीप से घसीटेंगे तो वह लोग बड़े होकर टेरेरिस्ट ही बनेंगे। यहां पर कृष्णा का ब्रेन पूरी तरह से वाश होता है ,और इसीलिए वह ऐसी बातें बोल रहा होता है। इसे सुनकर के ब्रह्म दत्त को गुस्सा आता है ,और गलती से उसके मुंह से कुछ ऐसा निकल जाता है जिससे कि कृष्णा को शक होता है।

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कृष्णा को पूरा सच बताया जाता है

अभी तक उसे जो बताया गया था उसके माता-पिता के डेथ के बारे में अब उसे लगता है कि वह सच नहीं था। ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi ) अब उसके बहुत ज्यादा पूछने के बाद फाइनली उसे पूरा सच बताया जाता है ,और एक बार फिर से सीन शिफ़्ट होता है ,उसी वक्त में जहां पर बिट्टा कराटे शारदा को खून लगे चावल खाने के लिए बोलता है ,और अपने बच्चों को बचाने के लिए शारदा वो चावल खा लेती है। और वो लोग उन्हें वैसे ही छोड़ कर के निकल जाते हैं। इसके बाद पुष्कर अपने डॉक्टर फ्रेंड महेश को कॉल करता है और उसे बोलता है कि उसके बेटे को बहुत ज्यादा गोली लगी हुई है। पर वह अभी भी जिंदा है, और वह जितना जल्दी कर सके वहां पर आ जाए।

महेश भी वहां पर आना ही चाहता है कि तभी वहां पर हॉस्पिटल में एक टेरेरिस्ट आ जाता है जिसके दोस्त को गोली लगी होती है और उसका ब्लड ग्रुप होता है ओ नेगेटिव , ओ नेगेटिव यहां पर किसी भी डोनर का ब्लड ग्रुप नहीं होता है ,तो वह जबरदस्ती एक पेसेंट का ही खून निकालने लगते हैं। एक बोतल खून निकालने के बाद भी वह जानबूझकर और ज्यादा खून निकाल रहे होते हैं ,ताकि उस पेसेंट की वहीं पर डेथ हो जाए। और खून भी बोतल से गिरकर के जमीन पर वेस्ट हो रहा होता है और उसी तरह से उस वेचारे मरीज की भी डेथ हो जाती है।

और महेश भी पुष्कर के पास नहीं पहुंच पाता और पुष्कर के बेटे की भी मृत्यु हो जाती है। यह बात वह कॉल करके ब्रह्म दत्त को बोलता है और साथ में यह भी बोलते हैं कि जब पूरे इंडिया के साथ भी ऐसा ही होगा तब याद रखना कि ब्रह्मदत्त भी उन्हीं लोगों में से एक होगा जिनके वजह से ऐसा हो रहा है ,यह सब कुछ पता चलने के बाद डीजीपी हरि तुरंत यहां पर पुष्कर के घर की तरफ को जाते हैं जहां पर उन्होंने दो पुलिसवालों को सिक्योरिटी के लिए लगाया होता है और वह पुलिस वाले यह बोलते हैं कि वह लोग भी बिट्टा कराटे के साइड में और इसीलिए उन्होंने सूट नहीं किया था। ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi )

पुष्कर घर से चुपचाप निकल जाता है

डीजीपी को यह भी पता चलता है कि अब पुष्कर अपनी बची हुई फैमिली के साथ यहां से निकल चुका है पुष्कर को ले जा रहा होता है वही जर्नलिस्ट और वह उसे ऐसे आदमी के घर पर लेकर के जाता है जो ऐसे लोगों की हेल्प करता है और वहां पर ऐसे ही दूसरे बहुत सारे लोग भी होते हैं जो इसी तरह से अपनी जान बचाकर भागे होते हैं यहां पर वह आदमी इन सभी लोग को समझाता है और फिर यह लोग बहुत ही धीमी आवाज में भारत माता की जय बोलते हैं ,क्योंकि वहां पर वो ऐसा कुछ जोर से भी नहीं बोल सकते थे वरना इसके लिए उन्हें मार दिया जाता।

कि तभी वहां घर के सामने वही टेरेरिस्ट में से कुछ लोग आते हैं और कहते हैं कि आप हमारे साथ चलिए और यहां पर आज आप सेफ नहीं है , उस आदमी को तो पता होता है यहां पर उसका अंत आ चुका है पर वह उन टेररिस्टों को कुछ भी नहीं बताता है कि उसके घर में बहुत सारे रिफ्यूजी है और फिर वह यहां से अपने बेटे के साथ उनके साथ निकल जाता है। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

अगले सीन पुष्कर अपनी बची हुई फैमिली और दूसरे बहुत से लोगों के साथ ट्रक में बैठ कर के जा रहे होते हैं तो वो लोग रास्ते में देखते हैं की उसी आदमी और उसके बेटे की लाश एक पेड़ पर टंगी होती है। और अब सीन शिफ्ट होता है रिफ्यूजी कैंप में जहां पर पुष्कर की आई साइड वीक हो गई थी और वह जल्दी ही आधा अँधा हो सकता था यहां पर जो डॉक्टर होता है वह उससे महंगा लेंस लगवाने के लिए बोलता है लेकिन पुष्कर के पेंशन में इतने पैसे नहीं होते हैं इसीलिए वह सस्ता लेंस लगवाने की बात करता है।

गंदे कैंप में रहना पड़ता है

यहाँ वह लोग बहुत ही गंदे से छोटे छोटे कैंप पर रह रहे होते हैं ,जहां पर उनके पास खाना खाने के लिए भी पूरा खाना नहीं होता और इसीलिए पुष्कर सिर्फ 1 दिन का खाना ही खाता है। इस सारे कैंप पर वो लोग होते हैं जिनका कभी कश्मीर घर हुआ करता था लेकिन उन्हें अपने ही घर से भगा दिया गया। और अब यहां पर वो सभी लोग बस इसी आस में बैठे होते हैं की एक दिन उन्हें कश्मीर वापस जाने का मौका मिलेगा।

ऐसे ही यहां पर एक दिन ब्रह्मदत्त आता है जो कि आई ए एस ऑफिसर से प्रमोट होकर होम मिनिस्टर का एडवाइजर बन गया होता है यहाँ पर होम मिनिस्टर भी आता है तो यहां पर ब्रह्मदत्त उन्हें बोलता है कि यहां पर बहुत सारे लोगों की डेथ हो रही हो और बहुत सारी बीमारियां भी हो रही है। तो होम मिनिस्टर यह बोलता है कि सभी लोग पहाड़ पर रहने वाले हैं और अभी गर्मी में आ गए हैं ,इसीलिए उनकी डेथ हो रही है इस तरह से यहां पर वहां के पॉलिटिशन अपना पल्ला झाड़ रहे होते हैं।

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यहाँ होम मिनिस्टर सभी रिफ्यूजीस के सामने जाता है जहां रिफ्यूजी अपनी प्रॉब्लम्स को बता रहे होते हैं कि तभी वहां पर पुष्कर आता है जिसने बोर्ड लिया होता है जिस पर लिखा होता है कि आर्टिकल 370 को हटाया जाना चाहिए। अब पुष्कर की आंखे लगभग खराब हो गई होती है और वह मेंटली भी काफी ज्यादा परेशान हो गया था इसी वजह से ब्रह्मदत्त को पहचान भी नहीं पाता है और वह बार-बार सिर्फ आर्टिकल 370 को हटाने की बात कर रहा था। इसके बाद यहां ब्रह्मदत्त पुष्कर के फैमिली से मिलता है और कहता है की यहां पास में वह उन्हें घर दिला सकता है और एक जॉब भी दिला सकता है पुष्कर की फैमिली भी मान जाती है। ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi )

हिंदू अपने ही धर्म को फॉलो करने से डरने लगे थे।

और नेक्स्ट सीन में यह सभी लोग उसी घर में रहने लगते हैं पर यहां के हालात भी लगभग वैसे ही होते हैं , जहां पर बच्चों को स्कूल में मौलवी में काफी ज्यादा गलत बातें पढ़ा रहे थे और उनकी यह सारी बातें सुनकर के शिव बहुत ज्यादा डर गया होता है ,उसने भगवान का लॉकेट पहन कर के रखा होता है। तो वह उसे जल्दी से अंदर कर लेता हैं और उसे छिपा लेता है। इसी से हमें समझ में आता है कि धीरे-धीरे करके वहां की कंडीशन ऐसी हो रही थी कि हिंदू अपने ही धर्म को फॉलो करने से डरने लगे थे।

नेक्स्ट सीन में हम देखते हैं कि बिट्टा कराटे जो की खुद एक क्रिमिनल था फिर भी वह मीडिया तक पहुंच गया था और वहां पर इंटरव्यू भी दिखाया जा रहा था ,यहां पर बिट्टा कराटे बोलता है कि उसने सिर्फ 20 लोगों को मारा है ,और उन लोगों को उसने इसलिए मारा है क्योंकि वह लोग आर एस एस के थे। ,और वह खुद को वह फ्रीडम फाइटर बोलता है। और यह सब कुछ देख कर के पुष्कर को बहुत बुरा लगता है क्योंकि वह खुद कई वक्त से कोशिश कर रहा था कि वह प्राइम मिनिस्टर से बात करता है लेकिन एक आम आदमी का प्राइम मिनिस्टर तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है और जब वह कोई सही बात कर रहे हो तब तो और भी ज्यादा मुश्किल होता है।

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पुष्कर की अस्थियों को उसके कश्मीर वाले घर ले जाना

और यहाँ प्रेजेंट टाइम में कृष्णा यह सारी बातें सुन कर के बहुत ज्यादा परेशान हो गया था ,क्योंकि वह जिस कॉलेज से आया था वहां पर तो कुछ और ही सिखाया जा रहा था और पर अब कश्मीर में आकर कर के उसे जो सच्चाई पता चल रही है और बिल्कुल अलग है। ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi ) यही सब सोचते सोचते उसे याद आता है कि कैसे मरते वक्त पुष्कर ने कहा था उसके अस्थियों को ले जा कर के उसके कश्मीर वाले घर में बिखेर देना ,क्योंकि उसका एक ही सपना होता है की वह एक दिन वापस अपने कश्मीर के घर में जा सके जोकि उसके मरते मरते भी पूरा नहीं हो पाता है ,और यही रीजन होता है कि कृष्णा ,पुष्कर की अस्थियों को लेकर के कश्मीर आया था।

यहां पर वो कश्मीर जा रहा है यह बात को वह जाकर के प्रोफेसर राधिका को बताता है तो वह से कहती है कि वह अपने फोन में रिकॉर्ड करें कि कश्मीर के लोग क्या बोलते हैं साथ ही में वह उसे बिट्टा कराटे से मिलने के लिए एक नंबर भी देती है मतलब वह खुद भी बिट्टा कराटे की तरह है और उसी के साइड में है, और इसीलिए वह प्रोफेसर होने के बाद भी यहां के स्टूडेंट को मैनिपुलेट करती है।

यहाँ प्रेजेंट टाइम में कृष्णा और पुष्कर के सारे दोस्त पुष्कर के उसी पुराने घर में जाते हैं जहां पर उसके शिवजी के मंदिर पर शिव जी की मूर्ति को हटा दिया गया था और वहां पर वही झंडा लगा दिया था जो कि 30 साल पहले 1990 में टेरेरिस्ट लगा रहे थे। अब यहां पर बो लोगे झंडे को हटा देते हैं और अब कृष्णा यहां पर पुष्कर की अस्थियों को बिखेर देता है और फाइनली पुष्कर अपने डेथ के बाद अपने घर वापस कश्मीर पहुंच चुका होता है।

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कृष्णा जाता है बिट्टा कराटे से मिलने

इसके बाद यह लोग वहां से निकल जाते हैं और अब कृष्णा जाता है बिट्टा कराटे से मिलने के लिए ,यहां पर जिस बोट में वह बैठता है उसको चलाने वाला अब्दुल होता है अब्दुल वही शिव का दोस्त। यहाँ अब्दुल उससे बोलता है की वह फोन में रिकॉर्ड करें और फिर बोलता है कि वह कभी भी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ नहीं था साथ में उसके पिता तो कश्मीरी पंडित के अच्छे दोस्त हैं ,उसके पड़ोसी एक कश्मीरी पंडित थे जिनका बेटा शिव उसका दोस्त था। और जब वह लोग वहां से भाग रहे थे तब उसके पिता ने उन लोगों की काफी ज्यादा हेल्प की थी जो कि बिल्कुल झूठ होता है। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

और हमें यह बात पता है क्योंकि बिट्टा कराटे को अब्दुल के पिता ने ही बताया था कि पुष्कर का बेटा अनाज के ड्रम में छिपा है तो वह तो उसकी हेल्प नहीं कर सकता यहां पर हमें यह समझ में आता है उस वक्त अब्दुल छोटा था तो हो सकता है कि उसे पूरा सच ना पता हो ,और बड़े होते होते उसके पिता ने उसे यही सब कुछ सिखा दिया की उन्होंने तो हेल्प की थी पर कश्मीरी पंडित अपनी मर्जी से भाग रहे थे।

अब यहाँ पर कृष्णा बिट्टा कराटे से मिलता है जहा पर बिट्टा करातें भी यही बोलता है कि उसने किसी को भी नहीं मारा था और कश्मीरी पंडित खुद ही ये जगह छोड़ कर के जा रहे थे ,और उन्हें मारने वाले आर्मी ऑफिसर थे। और वहां पर अपना कंपैरिजन भगत सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव जैसे बड़े-बड़े फ्रीडम फाइटर से कर देता है ,और यह सब कुछ सुनने के बाद एक बार फिर कृष्णा को तो यही लगता है कि जो वह कह रहा है वह सही है और इसी बात पर जाकर वो ब्रम्हदत्त से झगड़ा भी करता है। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

ब्रम्हदत्त ,कृष्णा को फाइल्स दिखाता है

वो कहता है की ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था और कश्मीरी पंडितों को मारने वाले आर्मी के अफसर थे यह सुनने के बाद ब्रम्हदत्त को बहुत गुस्सा आता है और वह उसे तीन फाइल दिखाता है ,इन तीन फाइल में आज तक जितनी भी न्यूज़ निकली होती है कश्मीरी पंडितों के साथ क्या क्या हुआ है इसके बारे में उसने सब के कट आउट निकाल कर के रखे होते हैं और यह सब कुछ देखने के बाद फाइनली कृष्णा को समझ में आता है कि रियालिटी में उनके साथ क्या हुआ था।

यहां पर उसकी माँ शारदा और उसके भाई शिव की भी फोटो होती है जिन्हे कि बिट्टा कराटे ने मार दिया था। और अब यहां से सीन शिफ्ट होता है दोबारा से उसकी यूनिवर्सिटी में जहा वह वापस आ चुका था। और यहां पर प्रोफेसर राधिका प्रॉपर एक सॉन्ग गा रही थी जो सभी स्टूडेंट को कश्मीर को लेकर के मिस गाइड कर रहा है। लेकिन जब आप कोई भी बात किसी गाने में सुनते हैं तो जाहिर है कि वह आपको याद रह जाती है और इसी तरीके से स्टूडेंट को मिस गाइड रियल में भी किया जाता है। यहाँ पर कृष्णा को देखने पर प्रोफेसर राधिका को लगता है कि वह उसी के साइड में बोलेगा तो वह उसे माइक दे देती है और स्पीच बोलने के लिए कहती है।

The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

कृष्णा की कश्मीर पर स्पीच

और अब यहां पर कृष्णा बोलता है कि बहुत सालों पहले एक ऋषि मुनि कश्मीर गए थे जिनका नाम था ऋषि कश्चम और वहां जा करके उन्होंने बहुत वक्त तक साधना की थी इसके बाद उन्हें ज्ञान मिला और उन्हीं के नाम पर इस स्टेट का नाम कश्मीर पड़ा। ऐसे ही करते-करते बहुत सारे ऋषि मुनि और ज्ञानी लोग कश्मीर में गए और वहां पर उन्होंने रिसर्च की ,और इसी तरह से बहुत सारे पंडितों ने मिलकर के कश्मीर को बसाया। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

पर एक दिन वहां पर कुछ इस्लामिक आए जोकि शुरू में तो वहां पर शरण लेने के लिए आए थे ,और कश्मीरी पंडितों ने उन्हें रहने भी दिया पर धीरे-धीरे करके उन्हें पता चला कि कश्मीर कितना ज्यादा खास है और फिर उन्होंने वहां पर कश्मीरी पंडितों के ऊपर अटैक करना शुरू कर दिया , उन्होंने कश्मीरी पंडितों को मारा उन्हें जबरदस्ती कलमा पढ़वाया और उन्हें बीफ खिलाया , उनकी बेटी और उनकी वाइफ के साथ रेप किया और इसी तरह से धीरे-धीरे उन्होंने मेजोरिटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित को वहां पर माइनॉरिटी में बना दिया और 5 लाख कश्मीरी पंडित वहां से भाग गए।

आज हमारे पास तो पूरी आजादी है की हम यहां से अपने घर जा सकते हैं और कोई हमें रोक नहीं सकता अपने घर जाने के लिए। लेकिन कश्मीरी पंडितों को उनके घर से ही निकाल कर के भगा दिया गया और अब वह अपने घर भी नहीं जा सकते थे। इस पूरी स्पीच में कई बार लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की पर कृष्णा को सच समझ में आ गया था और वह इसीलिए बिना रुके बोलता रहा।

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फिल्म का आखिरी सीन

अब उसने अपनी मां और अपने भाई की भी पूरी स्टोरी सुनाई। और इसी के ऐंड में यह सीन यहीं पर कट हो जाता है और नेक्स्ट सीन में हम पास्ट में उसी जगह को देखते हैं जहां पर पुष्कर अपनी बची हुई फैमिली के साथ रह रहा होता है। एक दिन यहां पर बिट्टा कराटे आता है और वह यहां पर आर्मी की ड्रेस पहन कर आता है और यहां पर बचे हुए आर्मी ऑफिसर से बोलता है कि उनकी ड्यूटी शिफ्ट हो गई है इसी के साथ वह वहां के पूरे आर्मी के एरिया पर कब्जा कर लेता है। और फिर वह लोग यहां पर शारदा को और हर किसी को मार देते हैं। The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi

यह सीन बहुत ही ज्यादा कड़वे सच और इमोशनल वाला होता है उसे एक्सप्लेन करना या फिर देखना काफी ज्यादा मुश्किल होगा और यही इस मूवी का लास्ट सीन होता है जहां पर सारे बचे हुए कश्मीरी पंडित भी मारे जा रहे थे।

तो अगर आप लोगों कश्मीरी पंडितो के साइड से सारा सच देखना है तो प्लीज एक बार इस मूवी को जरूर देखिएगा।

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आपको यह स्टोरी ( The Kashmir files movie story in Hindi | कश्मीर फाइल्स स्टोरी इन हिंदी | The Kashmir files movie review in Hindi ) कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर लिखियेगा। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। ……

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