Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
आज की कहानी है एक सेक्स वर्कर की या उस लड़की की जो 16 वर्ष की उम्र में मुंबई के रेड लाइट एरिया में फंस गई। जो लड़की कभी हेमा मालिनी और आशा पारेख की तरह फिल्मो में मशहूर अभिनेत्री बनना चाहती थी , वो अभिनेत्री तो नहीं बन पाई लेकिन मशहूर वो बेशक हुई।
वो भी एक prostitute के रूप में । एक prostitute के रूप में इन्होने बड़ा नाम कमाया। आज भी मुंबई के हर एक कोठे में इनकी तस्वीर लगी हुई है। इनका नाम है गंगूबाई काठियावाड़ी। …
इनके जीवन की कठिन परिस्थतियों ने इन्हें एक अपराधी , वेश्या और महिला डॉन बना दिया। उस वक्त इनके मशहूर होने का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की एक बार खुद देश के प्रधान मंत्री ने इन्हे अपने घर बुलाया था ,और गंगूबाई ने प्रधानमंत्री को ही शादी के लिए प्रपोज़ कर दिया था।
एस हुसैन जैदी की किताब माफिया क़्वींस ऑफ़ मुंबई में गंगूबाई की कहानी के बारे में लिखा है ,जिस पर संजय लीला भंडारी द्वारा एक मूवी गंगूबाई काठियावाड़ी भी बनाई जा रही है। जिसके ट्रेलर आजकल यूट्यूब में धूम मचा रहे हैं।
आइये जानते हैं कौन थी ये माफिया क़्वींस ऑफ़ मुंबई और क्या थी इसकी रियल कहानी जिसके कारण ये आज भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
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Table of Contents
गंगूबाई का प्रारंभिक जीवन-
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
यह कहानी है गंगूबाई काठियावाड़ी की जिसका पूरा नाम था गंगा हरजीवन दास। ये गुजरात के काठियावाड़ी में रहती थीं। गंगा का पूरा परिवार बहुत ही संपन्न था और सभी सदस्य पढ़े लिखे थे। परिवार के लोग चाहते थे की गंगा भी पढ़ लिख कर उनके जैसे बने। लेकिन गंगा के सपने कुछ अलग ही थे ,वो आशा पारेख और हेमा मालिनी की बहुत बड़ी फैन थी और उनके जैसे वो भी एक अभिनेत्री बनना चाहती थी और हमेशा ही बॉम्बे जाने के बारे में कहती थी।
गंगा का परिवार सम्पन था उसके पिता की एक दूकान थी जिसमे काम करने के लिए उन्होंने एक अकाउंटेंट रखा था उसका नाम था रमणीक लाल। रमणीक गुजरात से पहले बॉम्बे में रहता था।
जैसे ही यह बात गंगा को पता चली उसने रमणीक से दोस्ती करने का सोचा ,क्योंकि उसे तो हमेशा से बॉम्बे जाने की धुन सवार थी और उसे बॉम्बे का रास्ता रमणीक के साथ ही दिखाई देने लगा।
गंगा और रमणीक लाल की दोस्ती हो गई और यह दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। लेकिन जब गंगा ने बात अपने परिवार और पिता से बताई तो उसके पिता ने साफ़ शब्दों में मना कर दिया , पर प्यार के आगे तो किसी की नहीं चलती तो भला पिता के वो शब्द भी कहाँ चलने वाले थे।
गंगा और रमणीक लाल ने भाग कर शादी करने का फैसला कर लिया। काठियावाड़ जैसे छोटे से जगह की रहने वाली गंगा में न जाने कहाँ से इतनी हिम्मत आ गई और उसने रमणीक से भाग कर शादी कर ली।
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गंगूबाई की शादी और धोखा –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
शादी करने के बाद गंगा और रमणीक बॉम्बे आ गए ,बॉम्बे वही जगह थी जहाँ पर गंगा हमेशा से आना चाहती थी।
यहां पहुंच कर पहले तो कुछ दिन वो दोनों होटल में रहे ,बाद में एक दिन रमणीक ने गंगा से कहा की वो उन दोनों के लिए घर देखने जा रहे है। तब तक गंगा उसके मौसी के साथ उनके घर में रहे।
रमणीक की मौसी आई और गंगा को एक टैक्सी में बैठकर अपने साथ ले गई। लेकिन वो टैक्सी मौसी के घर नहीं बल्कि कमाठीपुरा में जा कर रुकी , जो था मुंबई का मशहूर रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा …
दरअसल रमणीक ने धोका देकर मात्र 500 रूपए में गंगा को बेच दिया था। मात्र 16 साल की उम्र में गंगा के लिया ये सब बर्दास्त से बाहर था ,उसने बहुत चीख पुकार लगाई लेकिन अंत में उसने अपने हालातों से समझौता कर लिया। क्योंकि इस हालत में वो अपने गाँव भी नहीं जा सकती थी। जाहिर सी बात है वैश्यालय से आई गंगा को अब उसका परिवार भी स्वीकार नहीं करता।
गंगा ने अब इस वैश्यालय को ही अपना घर मान लिया था और गंगा हरजीवन दास अब बन गई थी गंगू बाई ….
गंगूबाई ने अत्याचार का विरोध –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
एक बार की बात है शौकत खान नाम का एक पठान कमाठीपुरा आया था ,उसने गंगूबाई के साथ बहुत बुरा वर्ताव किया ,जबरजस्ती और बदसलूकी की और बड़ी बेरहमी से पेश आया।
कुछ दिनों बाद एक और बार ऐसा ही हुआ। इस बार तो उस पठान ने गंगूबाई को मारा पीटा भी , नतीज़ा यह हुआ की गंगू बाई को हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा। इस हादसे के बाद तो गंगू बाई ने ठान लिया की वो इस आदमी का पता लगाकर ही रहेगी।
लोगो से पूछताछ में उसे पता लगा की उस आदमी का नाम शौकत खान है और वो मशहूर डॉन करीम लाला के लिए काम करता है। यह पता चलने के बाद गंगू सीधे करीम लाला के पास जा पहुंची।
गंगूबाई की करीम लाला से मुलाकात –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
जब करीम लाला को पता चला की एक कोठे वाली उससे मिलना चाहती है तो उसने गंगूबाई को अपने घर की छत में बैठाया और उसके लिए खाने पीने की व्यवस्था की। पर गंगू ने खाना तो छोड़िये पानी तक को हाथ नहीं लगाया।
क्योंकि उसको ये पता चल गया था की करीम एक वैश्या को अपने घर में नहीं बुलाना चाहता इसलिए उसने गंगू को घर की छत में बैठाया है। उसने करीम लाला से कहा कि –
करीम गंगू की इस बात से बहुत प्रभावित हुआ ,उसने गंगू से यंहा आने का कारण पूछा। गंगू ने करीम को शौकत के बारे में सब कुछ बताया। तब करीम ने गंगू से कहा की अब उसे डरने की कोई जरुरत नहीं है बस अगली बार जब शौकत वहां आए तो मुझे बता देना बाकि का मै सब कुछ देख लूंगा।
ये बात सुनकर गंगू की आँखों में आंसू आ गए , और उसने करीम से कहा की आज तक मुझे किसी भी मर्द ने इतना सुरक्षित महसूस नहीं कराया। गंगू ने अपने बैग से एक धागा निकाल कर करीम के हांथों में बाँध दिया और कहा आज से आप मेरे राखी भाई हैं।
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गंगूबाई का कमाठीपुरा में नाम –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
कुछ दिनों बाद शौकत फिर से कमाठीपुरा पहुंचा तो उसकी खबर गंगू ने करीम लाला तक पहुंचा दी ,फिर क्या था करीम खुद वंहा पहुंच कर शौकत की खूब पिटाई की और सबसे कहा की गंगू मेरी राखी बहन है और जिसने भी उसके साथ बदसलूकी करने के बारे में सोचा भी तो उसका भी यही हाल होगा।
इसके बाद गंगू के सिर पर करीम लाला का हाथ होने के कारण कमाठीपुरा में गंगू की धौंस जम गई।
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गंगूबाई का चुनाव में हिस्सा लेना –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
कुछ समय बाद गंगू ने कमाठीपुरा के घरेलू चुनाव में हिस्सा लेकर जीत हासिल की , गंगू अब एक सेक्स वर्कर से बन गई थी गंगूबाई काठियावाड़ी …
गंगूबाई के कमाठीपुरा के सेक्स वर्करों के लिए किये गए कार्य –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
गंगूबाई ने रेड लाइट में काम करने वाले सेक्स वर्करों के लिए बहुत काम किया। उसने कभी किसी लड़की को बिना उसके मर्ज़ी के कमाठीपुरा में नहीं रहने दिया।
वो यंहा की सभी सेक्स वर्करों का मेडिकल चेकअप करवाती ,उनकी सेहत का ध्यान रखती ,वृद्ध महिलाओं को पेंशन देतीं। उन्होंने कई बच्चों को गोद लिया और उनके शिक्षा और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी ली।
सेक्स वर्करों के अधिकारों को लेकर उन्होंने मुंबई के आज़ाद मैदान में भाषण दिया ,यह भाषण तब के अख़बार में भी प्रसिद्ध हुआ। इस भाषण ने लोगों को हिला कर रख दिया।
गंगूबाई को प्रधानमंत्री का बुलावा –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
माफिया क़्वींस ऑफ़ मुंबई के अनुसार एक समय ऐसा आया था जब कमाठीपुरा से सेक्स वर्करों को हटाने की मांग की जा रही थी ,उस वक्त गंगूबाई ने यंहा की महिलाओं के लिए बहुत आवाज उठाई, क्योंकि एक सदी से यहाँ की महिलांए इस काम से जुड़ीं थीं और इस फैसले से उनके जीवन में बहुत बुरा प्रभाव पड़ता।
इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री ने उन्हें अपने घर मिलने बुलाया ,प्रधानमंत्री के साथ गंगू की ये मीटिंग ऑफिसियल कहीं मेंशन नहीं है ,लेकिन जैदी की किताब में इस बात का जिक्र है। जैदी ने लिखा है कि –
ऐसा कहा जाता है की इस सवाल के बाद गंगू ने नेहरू से कहा की अगर वो गंगू को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेते हैं तो गंगू ये सब छोड़ने को तैयार है। जाहिर सी बात नेहरू इस बात से खफा हुए तब गंगू ने कहा की प्रधानमंत्री जी आप नाराज़ मत होइए मै बस अपनी बात साबित करना चाहती थी , सलाह देना आसान है जबकि उसे खुद अपनाना बहुत मुश्किल …
इस मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ने कहा की वो उसकी मांगो पर जरूर ध्यान देंगे। फिर क्या था कमाठीपुरा से सेक्स वर्करों को हटाने का काम हमेशा के लिए रोक दिया गया।
गंगूबाई की मृत्यु –
Gangubai Kathiawadi Real Story in Hindi | गंगूबाई काठियावाड़ी की दर्दभरी कहानी
गंगूबाई कमाठीपुरा की सेक्स वर्करों के लिए उनकी माँ के सामान थी वहां की सभी महिलाएं उन्हें गंगू माँ के नाम से ही पुकारती थीं। वंहा के हर एक सेक्स वर्कर के पास आज भी गंगूबाई की तस्वीर मौजूद है।
2008 में गंगूबाई की मृत्यु साधारण व्यक्ति की तरह ही हुई। उनकी मौत के बाद उनका एक स्टैचू बनवाया गया जो कमाठीपुरा में आज भी मौजूद है।
एक सेक्स वर्कर कभी हमारे समाज का हिस्सा नहीं हो सकती लेकिन गंगू बाई जैसी सेक्स वर्करों से समाज काफी कुछ सीख जरूर सकता है। ……….
गंगा से गंगूबाई और फिर मुंबई की माफिया क़्वीन बनने तक की कहानी आपको कैसे लगी comments box में जरूर बताइयेगा। धन्यवाद …….
गंगूबाई काठियावाड़ी रिलीज डेट
25 February 2022
gangubai kathiawadi death date
2008
gangoobai movie
Gangubai Kathiawadi is an upcoming Indian Hindi-language biographical crime drama film directed by Sanjay Leela Bhansali and produced by Jayantilal Gada and Sanjay Leela Bhansali.
Where is Gangubai Kathiawadi now?
Even today, the statue of Gangubai is installed in Kamathipura, Mumbai. It is set to release theatrically on February 25
Is Gangubai Kathiawadi true story?
It is loosely based on the true story of Gangubai Harjivandas, popularly known as Gangubai Kothewali, whose life was documented in the book ‘Mafia Queens of Mumbai’ written by S. Hussain Zaidi.
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