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Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi
हमारे देश में 15 अगस्त को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में एक राष्ट्रीय पर्व की भांति मनाया जाता है ,यह राष्ट्रीय पर्व 1947 में ब्रिटिश शासन के अंत और एक नए भारत के जन्म के रूप में हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 15 अगस्त के दिन ही भारत को अंग्रेजों की 200 वर्षो की गुलामी की बेड़ियों से आजादी मिली और इसी दिन हमारा देश भारत दो भागों में विभाजित कर दिया गया हिंदुस्तान और पाकिस्तान।
15 अगस्त को मिलने वाली आजादी हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का ही नतीजा है इन महान नेताओं के दृढ़ विश्वास की वजह से ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
और 200 वर्षो की गुलामी के बाद भारत को मिली आजादी इतिहास के पन्नों में अमर हो गई और अमर हुआ 15 अगस्त का वह दिन जिस दिन हमारे देश के लोगों ने स्वतंत्रता की सांस ली आज हमारे देश भारत में 15 अगस्त का दिन बड़ी ही धूमधाम के रूप में मनाया जाता है और पूरे देश में देशभक्ति का माहौल बन जाता है Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi
आज जब आजादी के 75 साल बाद भी 15 अगस्त को हमारा सीना देशभक्ति के रूप में जोश से भर जाता है तो जरा सोचिए 15 अगस्त 1947 को देश में क्या माहौल रहा होगा ,एक तरफ 200 वर्षों की आजादी की खुशी तो वहीं दूसरी तरफ भारत के दो टुकड़े होने का दर्द। इन्हीं सब खुशी और दर्द के बीच आखिरकार 15 अगस्त 1947 का दिन भारत और दुनिया के इतिहास में अमर हो गया।
आइए जानते हैं 15 अगस्त से जुड़ी और भी कुछ बातें ,जो आपको आपकी आजादी से जुड़े कुछ रोचक तत्वों से अवगत कराएंगी और आपको आजादी की याद दिलांएगी।
तो आइए जानते हैं भारत की आजादी और 15 अगस्त से जुड़े कुछ रोचक तथ्य। …….
आइए सबसे पहले जानते हैं कि आजादी के दिन हुआ क्या क्या ? आजादी का जश्न 14 अगस्त से ही शुरू हो गया था जो 15 अगस्त तक चला (Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi)
14 अगस्त रात 11:00 बजे – देश की राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रा दिवस के जश्न की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी थी और जिस विधान परिषद भवन में आजादी का जश्न मनाया जाने वाला था उसे बेहद ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया था।
रात 11:30 बजे सभी ने मिलकर वंदे मातरम गाया और देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सभी ने 2 मिनट का मौन धारण किया।
Amazing Facts in Hindi 2022 : कुछ मजेदार रोचक तथ्य
12:00 बजने से 5 मिनट पूर्व संसद में कई नेताओं ने भाषण दिए जिसमें नेहरू ने अपना प्रसिद्ध भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ यानी ‘भाग्य के साथ वादा‘ दिया। (Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi) और उन्होंने कहा कि इस आधी रात में जब पूरी दुनिया सो रही होगी तब भारत आजादी की सांस ले रहा होगा।
रात को 12:00 बजते ही पूरी संसद भवन में शंख गूंज उठे लोग एक दूसरे को गले लगाकर बधाइयां देने लगे संसद के बाहर भारी बारिश होने के बाद भी लाखों लोग जश्न में डूबे हुए थे।
रात 12:30 बजे इस समारोह के समापन के समय भारत के राष्ट्रीय ध्वज को प्रस्तुत किया गया और इस तरह 14 अगस्त का जश्न समाप्त हुआ।
Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi
15 अगस्त अगली सुबह लोगों के लिए आजादी की सुबह थी सुबह 8:00 बजे मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह रखा गया और जवाहरलाल नेहरू के साथ उनकी कैबिनेट के 13 मंत्रियों ने लगभग 500 मेहमानों के सामने अपनी शपथ ली। यहां पर कई रियासतों के राजा और अन्य देशों के राजदूत भी शामिल थे।
इसके बाद सुबह लगभग 9:45 पर शपथ ग्रहण समारोह समाप्त हुआ और भारत कि पहले सभी कैबिनेट मंत्रियों ने संविधान सभा जाने के लिए यहां से प्रस्थान किया। इस दौरान पूरी सड़कों पर लोग जश्न मना रहे थे। (Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi) गवर्नर जनरल माउंटबेटन को हमारी देश की तरफ से शाही सलामी दी गई और सुबह 10:30 बजे संविधान सभा में पहली बार भारतीय तिरंगे को फहराया गया।
इसके बाद शाम को 5:00 बजे गवर्नर जनरल माउंटबेटन को इंडिया गेट के पास स्थित प्रिंसेस पार्क में भारतीय तिरंगा फहराना था जहां पर लगभग 5 लाख लोगों की भीड़ जुड़ी हुई थी ,और वही राजपथ पर थल सेना,वायु सेना और जल सेना की परेड चल रही थी।
जब माउंटबेटन अपनी बग्गी पर सवार होकर ध्वजारोहण के लिए पहुंचे पर भीड़ अधिक होने के कारण वे अपनी बग्गी से नीचे उतर ही नहीं पाए और बग्घी से ही उन्होंने झंडा फहराने का आदेश दिया। और बग्गी में खड़े होकर ही हमारे देश के तिरंगे को सलामी दी।
शाम यहां बहुत भारी आतिशबाजी की गई जो लगभग आधे घंटे तक चलती रही इस समय दिल्ली की लगभग हर एक बड़ी बिल्डिंग तिरंगे के तीनों रंगों से नहाई हुई थी।
अंत में रात 10:00 बजे गवर्नर हाउस में गवर्नर माउंटबेटन की ओर से एक अधिकारी भोजन का आयोजन किया गया जिस पर लगभग ढाई हजार लोग आमंत्रित किए गए थे। इस जश्न के दौरान महात्मा गांधी इसमें शामिल नहीं हुए क्योंकि भारत और पाकिस्तान के विभाजन के वजह से देश में फैले संप्रदायिक हिंसा की वजह से महात्मा गांधी बंगाल में उपस्थित थे। और वहां पर हिंदू और मुस्लिमों के बीच में हुई सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में प्रयासरत थे। जिसके कारण उन्होंने आजादी के दिन 24 घंटे का व्रत भी रखा हुआ था।
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Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi
15 अगस्त से जुड़े कुछ अन्य तथ्य
- जैसा कि आप जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और तब से आज तक 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि 15 अगस्त को भारत के अलावा कुछ अन्य देशों का भी स्वतंत्रा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त 1945 को ही आजाद हुआ था।
- वहीं ब्रिटेन से 15 अगस्त 1971 को बहरीन देश को भी आजादी मिली।
- और 15 अगस्त 1960 को फ्रांस से कांगो देश को आजादी मिली।
- 15 अगस्त 1947 को हमारे देश का ₹1 अमेरिका के $1 के बराबर था जो आज लगभग ₹80 के बराबर हो गया है।
- 15 अगस्त 1947 को जहां पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा था वही महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं हुए उस वक्त वह पश्चिम बंगाल में थे जहां हिंदू और मुस्लिमों के बीच संप्रदायिक झगड़े हो रहे थे इस दौरान उन्होंने 24 घंटे का व्रत रखा हुआ था और इसी कारण आजादी का जश्न नहीं मना सके।
- 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद तो हो गया था लेकिन उस समय तक भारत के पास अपना कोई राष्ट्रगान नहीं था ,देश का राष्ट्रगान जन गण मन 1911 को रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिख गया था लेकिन यह देश का राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया।
- 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग देश बनाए गए लेकिन इस दिन तक इन दोनों देशों के बीच सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था ,दोनों देशों के बीच सीमा का निर्धारण 17 अगस्त सन 1947 को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा के साथ हुआ। और तब से रेडक्लिफ लाइन को भारत और पाकिस्तान का सीमा रेखा कहा जाता है।
- आजादी के रूप में 15 अगस्त को चुना गया जब यह तय हो गया तो जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मिलकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को एक पत्र लिखा और कहा कि 15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा और इस दिवस पर राष्ट्रपिता के रूप में आप शामिल हो और हमें अपना आशीर्वाद दें। तब गांधीजी ने इस पत्र का जवाब दिया कि जब देश के विभाजन के कारण हिंदू मुस्लिम एक दूसरे की जान ले रहे हैं ऐसे में मैं इस जश्न में कैसे शामिल हो सकता हूं मैं इन दंगों को रोकने के लिए अपनी जान तक दे दूंगा और आखिर में महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं हुए।
Independence Day 2022 : facts about 15 august in Hindi
दोस्तों इस लेख के माध्यम से हम केवल उस आजादी के दिन के बारे में सोच ही सकते हैं लेकिन जिन्होंने उस दिन को जिया था उसकी बात ही कुछ और थी। पर जो भी था हमारा देश अंग्रेजों की 200 वर्षो की गुलामी की बेड़ियों से अब आजाद था।
दोस्तों कैसी लगी ये जानकारी कमेंट बॉक्स पर जरूर बताइएगा धन्यवाद।
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