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Bullet train के बारे में कुछ रोचक तथ्य, facts about bullet train in Hindi

Bullet train के बारे में कुछ रोचक तथ्य ….

Bullet train बुलेट ट्रेन का नाम सुनते ही दिमाग में “बहुत तेज गति से चलने वाली ट्रेन” का ख्याल आता है ।

जब पहली बार जापान में 1964 में यह ट्रेन चली तो इसकी रफ्तार की तुलना बंदूक की गोली से की गई। गोली का मतलब बुलेट! इसलिए लोगों ने इसे बुलेट ट्रेन का ही नाम दे दिया |

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 ये ट्रैन normal railway tracks में नहीं चल सकती हैं, बल्कि इनके लिए नए और special tracks चाहिए जो की इन्हें इनकी speed को बढ़ाने में मदद करते हैं |

इस आर्टिकल में हम जापान में चलने वाली बुलेट ट्रैन के बारे में जानेंगे ! जिसे शिनकानसेन के नाम से जाना जाता है | यह न सिर्फ जापान की बल्कि दुनिया की पहली बुलेट ट्रेन है |

तो आइये जानते है इस ट्रैन के बारे में कुछ रोचक तथ्य और जानकारियां |

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Bullet train Japan speed , कितनी है इसकी रफ़्तार

शिनकानसेन यानी जापान में चलने वाली बुलेट ट्रैन की अधिकतम स्पीड 320 km प्रति घंटे या 200 mph है | हांलाकि 1996 में इस ट्रैन की test running के समय इसकी अधिकतम रफ़्तार 443 km/hr या 275 mph तक रिकॉर्ड की गई है |

Bullet train speed

Bullet train रफ़्तार के साथ सुरक्षा भी

Bullet train जापान में प्रत्तेक वर्ष लगभग 33 करोड़ लोग इस ट्रैन की यात्रा करते है ! जापान की पूरी आबादी से कई गुना ज्यादा लोग इसमें यात्रा कर चुके है| इसकी वजह है सुरक्षा व्यवस्था | जापान की बुलेट ट्रैन के दुर्घटना में आज तक किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई |

इन ट्रेनों की पटरियां भी खास तरह की होती है , जिनमे केवल बुलेट ट्रैन ही संचालित होती है | इन रेलवे ट्रैक्स पर न ही किसी प्रकार की क्रॉसिंग देखने मिलेगी और न ही किसी व्यक्ति का प्रवेश इन पर हो सकता है |

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Bullet train ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम

जापान की बुलेट ट्रेनें आटोमेटिक कण्ट्रोल सिस्टम से चलती चलती हैं | इन ट्रेनों में दो तरह का नियंत्रण होता है। एक ड्राइवर के हाथो तो दूसरा कण्ट्रोल रूम में बैठे लोगो लोगो के हाथों में |

यदि ड्राइवर कोई गलती कर रहा हो तो कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी ट्रेन की कमान अपने हाथों में ले सकते हैं। इस ट्रैन के ड्राइवर को लम्बी ट्रेनिंग दी जाती है ! और यह एक दिन में केवल 7 घंटे 10 मिनट ही ट्रैन चला सकता है और एक बार में 3 घण्टे 20 मिनट ही |

Bullet train

एक मिनट से भी कम औसत समय है देरी होने का

वर्ष 1964 से शुरू हुई शिनकानसेन पिछले कई साल से जापान में गोली की गति से चल रही है | यह कभी भी दुर्घटना की शिकार नहीं हुई और यह इतनी भरोसेमंद है कि 1 मिनट से भी कम समय रहा है इन रेलगाड़ियों के देर से चलने का | जबकि जापान में हर रोज भूकंप जैसी आपदाएँ आती रहती हैं , फिर भी ये ट्रैन अपने टाइम पर चलने के लिए ही जानी जाती है |

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Bullet train 17 डिब्बे वाली ट्रेन को साफ़ करने में लगते हैं 7 मिनट

जापान में यात्रियों के एक-एक सेकेण्ड को अहमियत दी जाती हैं | समय की पाबन्दी जापान की सबसे बड़ी विशेषता है | यहाँ पर हर ट्रैन के आखिरी स्टेशन पर यह ट्रैन १२ मिनट के लिए रूकती है |

जिसमे 5 मिनट यात्रियों के चढ़ने उतरने के लिए होते हैं ! बाकि बचे हुए 7 मिनट में कर्मचारी इस पूरी ट्रैन के सभी 17 डिब्बों को साफ़ कर देते हैं | जापान में ऐसा हर शिनकानसेन की यात्रा के बाद होता है।

Bullet train

एक ही टिकट में किसी भी ट्रैन में कर सकते हैं यात्रा

जापान में चलने वाले किसी भी परिवहन सिस्टम में आप एक ही टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं | चाहे वो बुलेट ट्रैन , मेट्रो ट्रैन या बस कुछ भी हो | सभी के लिए एक ही टिकट मान्य होता है |

जापान में सड़क और रेल यातायात प्राइवेट हाथों में है लेकिन दोनों के लिए नियम और निति बनाने के लिए एक ही मंत्रालय है |

Bullet train से होने वाला फायदा

जापान ने बुलेट ट्रेन को अपने देश के अलग- अलग इलाकों को जोड़ने का जरिया बनाया। इससे रेल यात्रा तेज हो गई। लोगों के समय का सही इस्तेमाल होने लगा।

एक आकड़ें के मुताबिक शिनकानसेन में यात्रा करने वाले लोगों के बचने वाले कुल समय को अगर जोड़ दिया जाए ! तो साल में 4000 लाख घंटे की बचत होती है। इसका सीधा सा मतलब है कि अब काम और परिवार के लिए लोगों के पास ज्यादा वक्त है |

और ज्यादा वक्त मतलब ज्यादा उत्पादन। टोक्यो में ट्रेन लेट नहीं होती | पर यदि ऐसा होता है तो रेल कंपनी यात्री को एक कार्डी स्लिप देती है जिसे वह अपने स्कूल कॉलेज या फिर दफ्तर में लेट होने के नुकसान और जिम्मेदारी से मुक्त हो सकता है।

हमारे देश में जंहा ट्रेने लेट होने के लिए ही जानी जाती हैं ! वही जापान की ट्रेनों के समय से लोग अपनी घडी का समय सेट कर सकते हैं

भारत में बुलेट ट्रेन

देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी जिसकी कुल लम्बाई 508 km होगी | यह दूरी केवल 2 घंटे में पूरी की जाएगी. इस रूट पर 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाएगें | मुंबई से अहमदाबाद तक कुल 12 स्टेशन  – मुंबई, ठाणे, विरार, भोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती होगें |

इस स्टेण्डर्ड गेज लाइन पर द्रुतगामी सेवा की कुल यात्रा अवधि दो घंटे सात मिनट होगी और हर स्टेशन पर रुकने वाली गाड़ी दो घंटा 58 मिनट में यात्रा पूरी करेगी। यह मुंबई अहमदाबाद ट्रैक ज्यादातर एलिवेटेड होगा और मुंबई का 7 km का हिस्सा समंदर के नीचे से होकर गुजरेगा |

ऐसा कहा जाता है की बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा | यह पूरा प्रोजेक्ट जापान की सहायता से बनाया जा रहा है |

कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल Comments में बता सकते हैं | हम ऐसे ही तरह तरह के विषयों पर अपने आर्टिकल लाते रहेंगे |

हमारा यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद |

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This Post Has 9 Comments

  1. Prasoon Tiwari

    right now i knew all about bullet train
    thankyou so much and make more videos about such these type of information

  2. Sonam chaturvedi

    Knowledgeable article….👍👍

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